कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर मामले के बाद अब आज सरकार की तरफ से देश भर में डॉक्टरों के लिए एक नया फरमान जारी किया गया या यूं कह सकते हैं कि यह नया आदेश है नया नियम लागू होने जा रहा देश भर के सभी डॉक्टर नर्स के लिए देखिए क्या है खबर कि हर डॉक्टर की होगी यूनिक आईडी एनएमसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा और इससे यह पता चल पाएगा कि अभी हमारे देश में कुल कितने डॉक्टर हैं और उनके पास कौन-कौन सी डिग्री है तो यह वजह है कि सरकार की तरफ से आज यह एक नया आदेश जारी किया गया देश में मतलब अब हर एक डॉक्टर की
अलग पहचान होगी उन्हें एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा जैसे अभी हम सभी भारतीय लोगों का आधार कार्ड नंबर होता है यूनिक नंबर पैन कार्ड नंबर होता है है ना ठीक वैसे ही डॉक्टरों की जो कम्युनिटी हमारे देश में पूरे देश में मतलब जितने भी डॉक्टर हैं उन सबको एक यूनिक आईडी कार्ड यूनिक आईडी नंबर देगी सरकार और यही वजह है कि सरकार ने सभी डॉक्टरों के लिए एनएमआर यानी कि नेशनल मेडिकल रजिस्टर में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया है और ये रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ ही डॉक्टरों को अपना एमबीबीएस सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन और आधारकार्ड सबमिट करना होगा इस पोर्टल को नेशनल मेडिकल कमीशन यानी कि एनएमसी की तरफ से तैयार किया गया है और हाल ही में एनएमसी ने एक नोटिस भी जारी किया था जिसमें यह लिखा था कि इंडियन मेडिकल रजिस्टर यानी कि आईएमआर में रजिस्टर्ड सभी एमबीबीएस डॉक्टरों को अब एनएमआर के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना भी जरूरी होगा मतलब इस पोर्टल से जुड़ना अनिवार्य ही है कंपलसरी है ऐसा नहीं कि ऑप्शनल है और इस पोर्टल पर देश के सभी मेडिकल कॉलेज इंस्टिट्यूट स्टेट मेडिकल काउंसिल भी जुड़े होंगे जिससे कि क्या दोस्तों कि डॉक्टरों का एक
रिकॉर्ड रह पाएगा और इससे एक और सबसे बड़ी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी पता है क्या जो कई झोलाछाप डॉक्टर होते हैं ना कई सारे बंगाली डॉक्टर वगैरह गांव में रहते हैं या अस्पतालों में भी कई ऐसे ला छाप ड डॉक्टर होते हैं जिनके पास डिग्री नहीं है या हर कहीं फर्जी यूनिवर्सिटी से खरीदी हुई डिग्री है लेकिन चला रहे हैं अस्पताल दुकानदारी चल रही है तो ऐसे फर्जी डॉक्टरों पर अब सख्त कार्यवाई हो पाएगी क्योंकि ऐसे फर्जी डॉक्टरों को अवैध डॉक्यूमेंट होने के चलते उन्हें यूनिक आईडी नंबर आईडी कार्ड मिल नहीं पाएगा तो खर्च से उनका पता चल जाएगा कि ये फर्जी
वाड़ा किया जा रहा है यहां पर हां ना मतलब समझ रहे हो अब ये देखिए सरकार की तरफ से एनएमआर पर डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रोसेस क्या होगी ये तीन डॉक्यूमेंट देना जरूरी होगा जिसमें एक तो आधार कार्ड हो गया एक एमबीबीएस सर्टिफिकेट हो गया और तीसरा होगा प्रैक्टिस सर्टिफिकेट तीनों ही कंपलसरी डॉक्यूमेंट है जिससे कि ये फर्जी कॉलेज यूनिवर्सिटी से अगर एमबीबीएस किया हुआ है तो इस सर्टिफिकेट से पता चल जाएगा तुरंत और इनको कौन वेरीफाई करेगा सबसे पहले तो स्टेट मेडिकल काउंसिल फिर संबंधित कॉलेज और इंस्टिट्यूट फिर एनएमसी यानी
नेशनल मेडिकल कमीशन की तरफ से भी नेशनल लेवल पर इनका वेरिफिकेशन किया जाएगा डॉक्यूमेंट वगैरह का और डॉक्टरों का उसके बाद डॉक्टरों को एक यूनिक आईडी कार्ड जारी किया जाएगा जैसे हमारा आधार कार्ड पैन कार्ड होता ना वैसे अब एक सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर नेशनल मेडिकल रजिस्टर की जरूरत ही क्यों पड़ी तो दोस्तों नेशनल मेडिकल कमीशन यानी कि एनएमसी के एक अधिकारी के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आज तक हमारे देश में हमारे पास ऐसा कोई डेटा नहीं था जो कि ये बता सके कि हमारे देश में कुल कितने डॉक्टर हैं हालांकि एक अनुमानित संख्या जरूर है लेकिन
सही से एग्जैक्ट आंकड़े हम नहीं बता सकते हैं इसके अलावा कितने ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने हमारा देश छोड़ दिया बाहर अमेरिका यूएस कनाडा ऑस्ट्रेलिया में बाहर के देशों में लोगों का इलाज करें या वहां हॉस्पिटल चला रहे हैं मतलब हमारे देश को छोड़कर चले गए ऐसे डॉक्टर कितने हैं कितने ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने कुछ गलती की उनका लाइसेंस रद्द हुआ कितने डॉक्टरों की जान गई ये सारी जानकारी अब इस एक ही पोर्टल पर दिख पाएगी अधिकारी के मुताबिक करीब 13 लाख से ज्यादा डॉक्टर इस पोर्टल से जुड़ सकते हैं हमारे देश में और अच्छी
बात तो ये है कि एनएमआर पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं और अब आम लोग भी इसके डाटा को देख पाएंगे यानी कि सभी आम लोगों को ये पता चल पाएगा कि हमारे देश में डॉक्टरों की स्थितियां क्या है कितने टोटल नंबर ऑफ डॉक्टर हैं कितने वगैरह वगैरह जो भी डाटा मैंने आपको बताया ना ये सब आम लोग भी देख पाएंगे तो ये वाकई में सरकार का एक अच्छा प्लान है |